How to reach neem karoli baba from bhopal
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Kainchi Dham (Neem Karoli Baba) Mela
भवाली (नैनीताल)। शहर से आठ किलोमीटर दूर स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम मंदिर के द्वार सुबह छह बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कैंची मेले में सवा लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा नीम करौली महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया और मालपुए का प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर समिति और प्रशासन ने सुबह छह बजे से लेकर देर शाम तक सवा लाख से अधिक श्रद्धालुओं के कैंची धाम पहुंचने की पुष्टि की।
बाबा नीब करौरी महाराज के मंदिर में बुधवार को सुबह छह बजे से देर रात तक श्रद्धालु बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचे। श्रद्धालु सुबह चार बजे से ही मंदिर के मुख्य द्वार के बाहर कतार में खड़े हो गए थे। सुबह छह बजे मंदिर का मुख्य द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। इससे पहले सुबह 5:30 बजे मंदिर समिति के सदस्यों ने शंख, घंटा और ढोल-नगाड़ों के साथ बाबा को मालपुए का भोग अर्पित किया।
मंदिर परिसर में वैष्णवी देवी, विंध्यवासिनी, हनुमान, और सिद्धि माई को भी भोग लगाया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश देर रात तक जारी रहा। श्रद्धालु कतार में मुख्य द्वार से मंदिर में प्रवेश कर बाबा का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे और अतिरिक्त द्वार से मालपुए का प्रसाद लेकर बाहर निकल रहे थे।
दोनों द्वारों पर श्रद्धालुओं के जूते-चप्पलों की देखरेख की व्यवस्था मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी और स्थानीय निवासियों ने संभाली। श्रद्धालुओं को कैंची धाम तक पहुंचने के लिए भवाली और खैरना की ओर चार-चार किलोमीटर लंबी कतार में खड़े रहना पड़ा।
कैंची में बाबा नीब करौरी आश्रम की स्थापना के बाद से ही वहां हर साल 15 जून को स्थापना दिवस कार्यक्रम होता है। समय बीतने के साथ साथ स्थापना दिवस के इस कार्यक्रम ने कैंची मेले का रूप ले लिया और साल दर साल यह भव्य होता गया। मान्यता है कि बाबा नीब करौरी को हनुमान की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान का अवतार भी मानते हैं। एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपने पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे।
कैंची धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब, व्यवस्थाओं के बीच उत्सव का अद्भुत नजारा
दोपहर बाद कम हुई भीड़
बुधवार को दो साल बाद आयोजित कैंची मेले में डेढ़ लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद थी। हालांकि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही। दोपहर 12 बजे के बाद कतारों में भीड़ कम हो गई, और श्रद्धालु आराम से मंदिर परिसर में प्रवेश करने लगे। शाम चार बजे के बाद श्रद्धालुओं की संख्या और भी कम होती गई।
12 बजे तक 50 हजार श्रद्धालु पहुंचे
दोपहर 12 बजे तक लगभग 50 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर लौट चुके थे। अपराह्न तीन बजे तक यह संख्या एक लाख पार कर गई। देर शाम तक सवा लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा का आशीर्वाद और मालपुए का प्रसाद ग्रहण किया।
श्रद्धालुओं का जयकारों के साथ प्रवेश
बाबा नीब करौरी महाराज की दिव्य शक्ति के प्रति श्रद्धा से ओतप्रोत भक्त चार किलोमीटर लंबी कतारों में बाबा के जयकारे लगाते हुए धाम पहुंचे। व्यवस्थित भीड़ और श्रद्धालुओं के उत्साह ने आयोजन को सफल बना दिया।
यातायात में भीड़, पर जाम नहीं बना बाधा
हल्द्वानी से कैंची धाम तक भारी भीड़ के कारण जाम की स्थिति बनी रही। बावजूद इसके, श्रद्धालु बाबा का नाम जपते हुए धैर्य बनाए रहे। पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी से यातायात व्यवस्था बार-बार सुचारु होती रही।
भवाली में पार्किंग और शटल सेवा
पुलिस प्रशासन ने भवाली में नगर पालिका मैदान को पार्किंग स्थल बनाया। सुबह चार बजे ही यह पार्किंग फुल हो गई, जिसके बाद श्रद्धालु लकड़ी टाल पार्किंग में पहुंचे। शटल सेवा के जरिए श्रद्धालुओं को कैंची धाम पहुंचाया गया, जिसे भीड़ बढ़ने पर कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कैंची मेले में सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही। एसएसपी पंकज भट्ट ने सुबह से ही व्यवस्थाओं का नेतृत्व किया। मेला क्षेत्र में दूरबीन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी रखी गई। पुलिसकर्मियों ने सादी वर्दी में जेबकतरों पर नजर बनाए रखी।
सेवा भाव से कमाया पुण्य
श्रद्धालुओं की सेवा के लिए हल्द्वानी से कैंची तक कई स्थानों पर लोगों ने शर्बत, खीर, नींबू पानी और सादा पानी पिलाकर पुण्य कमाया। स्थानीय निवासियों ने सेवा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
स्वास्थ्य और सहायता केंद्र की व्यवस्थाएं
सीएचसी खैरना के डॉक्टरों ने मेले में सैकड़ों श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया। वहीं, पुलिस प्रशासन द्वारा बनाए गए सहायता केंद्रों ने बिछड़े हुए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को उनके परिजनों से मिलाया।
भक्ति के रंग में डूबे श्रद्धालु
चार किलोमीटर लंबी कतारों में खड़े श्रद्धालु बाबा की भक्ति में लीन होकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए मंदिर पहुंचे।
समर्पित अधिकारियों का योगदान
मेला सफलतापूर्वक संपन्न कराने में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का विशेष योगदान रहा। एसएसपी पंकज भट्ट, डीआईजी नीलेश आनंद भरणे, डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल और अन्य अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया और श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखा।
सफल आयोजन
स्थापना दिवस पर सवा लाख से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति, प्रशासन और मंदिर समिति के सहयोग से कैंची मेले का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
विनोद जोशी, प्रबंधक कैंची धाम।
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